Indian Economy: अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। इंडस्ट्री बॉडी पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष में 6.8% और अगले वित्त वर्ष में 7.7% की रफ्तार से दौड़ सकती है।
PHDCCI का अनुमान है कि 2026 तक भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
RBI से मिल सकती है राहत
पीएचडीसीसीआई के प्रेसिडेंट हेमंत जैन के मुताबिक, पिछले 3 सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ी है और 2026 तक यह जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है। PHDCCI का मानना है कि फरवरी में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) नीतिगत ब्याज दरों में कुछ कटौती का ऐलान का सकता है, क्योंकि महंगाई दर में नरमी के संकेत मिले हैं।
बजट से है ये उम्मीद
1 फरवरी को पेश होने वाले बजट पर उद्योग मंडल ने कहा कि लोगों के हाथों में अधिक खर्च योग्य आय रखकर खपत को बढ़ावा देने के प्रावधानों पर जोर दिया जाना चाहिए। आयकर की उच्चतम दर केवल 40 लाख रुपये से अधिक इनकम वाले व्यक्तियों पर लागू होनी चाहिए और इनकम टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाना चाहिए।
महंगाई में आएगी कमी
वहीं, पीएचडीसीसीआई के उप महासचिव एसपी शर्मा ने कहा कि RBI की अगली समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती होनी चाहिए। खुदरा महंगाई कम हुई है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतें अभी भी अधिक हैं। इसके बावजूद हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में खुदरा महंगाई घटकर 4 से 2.5 फीसदी के बीच आ जाएगी।
वित्त मंत्री को दिए सुझाव
एसपी शर्मा ने आगे कहा कि हमने बजट में इनकम टैक्स की अधिकतम दर के लिए आय सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये किए जाने का सुझाव दिया है। आज 15 लाख रुपये एक मध्यम आय है और हम इस पर उच्चतम टैक्स रेट लगा रहे हैं। इसमें बदलाव जरूरी है। इसके अलावा, पीएचडीसीसीआई ने स्वामित्व या साझेदारी और एलएलपी के तहत संचालित संस्थाओं पर टैक्स की दर को 33 फीसदी से घटाकर 25% करने का भी सुझाव दिया है।
आने वाला समय अच्छा
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का कहना है कि ऐसे दौर में जब विश्व की कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं संकट से जूझ रही हैं, भारत ने उल्लेखनीय प्रगति प्रदर्शित की है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आने वाला समय अच्छा है। इसके चालू वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत और 2025-26 में 7.7 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ने की संभावना है।
