LAC और LoC के बाद अब भारत-बांग्लादेश के बीच भी शुरू हुआ सीमा-विवाद, जानें पूरा मामला

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

ई दिल्ली: भारत-चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल (एलएसी) और भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण सीमा (एलओसी) पर टकराव के बाद अब भारत-बांग्लादेश के बीच भी नया सीमा विवाद शुरू हो गया है।

इससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच सीमा-विवाद को सुलझाने के लिए आहूत की गई बैठक 2 बार स्थगित हो चुकी है। अब महानिदेशक (डीजी) स्तर की वार्ता 16 फरवरी से दिल्ली में होने की उम्मीद है।

इस बैठक के बाद भारत की ओर से सीमा पर बाड़ लगाने और बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद घुसपैठ की कोशिशों में बढ़ोतरी का मुद्दा चर्चा का प्रमुख एजेंडा रहेगा। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश का एक प्रतिनिधिमंडल 16 से 19 फरवरी के बीच भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ इस द्विवार्षिक वार्ता में चर्चा करेगा।

शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद भारत-बांग्लादेश के बिगड़े रिश्ते

पिछले साल पांच अगस्त को शेख बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह पहली शीर्ष स्तरीय चर्चा होगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच वार्ता के मुद्दों पर काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले साल ये वार्ता दो बार स्थगित हो गई थी। सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के बीच कुल 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा के लगभग 95.8 किलोमीटर को कवर करने वाले लगभग 92 चिह्नित हिस्सों पर सहमति के अनुसार ‘सिंगल रो’ की बाड़ के निर्माण को लेकर बांग्लादेश की आपत्तियों से संबंधित मुद्दों को इस बैठक के दौरान ”प्रमुखता” से उठाए जाने की उम्मीद है।

बाड़ लगाने से परेशान है बांग्लादेश

बांग्लादेश ने सप्ताहांत में ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को बुलाकर बाड़ लगाने और सीमा पर हत्याओं के संबंध में बीएसएफ की ”गतिविधियों” पर ”गहरी चिंता” व्यक्त की थी। अगले दिन, भारत ने दिल्ली में बांग्लादेश के कार्यवाहक उच्चायुक्त नूरल इस्लाम को स्पष्ट कर दिया कि बाड़ लगाने के दौरान सभी निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। इसमें उम्मीद जताई गई कि ”बांग्लादेश द्वारा सभी पूर्व समझौतों को लागू किया जाएगा और सीमा पार अपराधों से निपटने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।”

बांग्लादेशी घुसपैठ है बड़ा मुद्दा

सीमा वार्ता के दौरान भारत की ओर से सीमा पर बांग्लादेशी नागरिकों के घुसपैठ के प्रयासों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर भी चर्चा किए जाने की उम्मीद है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष अगस्त से दिसंबर के बीच बीएसएफ के जवानों ने 1,956 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा था। महानिदेशक स्तर की सीमा वार्ता 1975 और 1992 के बीच सालाना आयोजित की जाती थी, लेकिन 1993 में इसे द्विवार्षिक कर दिया गया, जिसमें दोनों पक्ष बारी-बारी से नयी दिल्ली और ढाका में वार्ता आयोजित करते हैं। पिछला संस्करण मार्च में ढाका में आयोजित किया गया था, जब भारतीय प्रतिनिधिमंडल बांग्लाादेश गया था।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *