झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित सारंडा जंगल में एक आईईडी ब्लास्ट में 10 साल की मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई. मृतक बच्ची अपनी मां के साथ जंगल में लकड़ी चुनने गई थी. यह घटना बीती 7 जनवरी को जराईकेला थाना इलाके के तिरिलपोसी और थोलकोबाद की सीमा पर हुई.
पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया है कि नक्सलियों ने पुलिस बल को निशाना बनाने के उद्देश्य से जंगल के कच्ची सड़क में आईईडी बम लगाया था. दुर्भाग्यवश, इस आईईडी की चपेट में एक ग्रामीण बच्ची और एक महिला आ गई, जिससे बच्ची की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि साथ में चल रही महिला घायल हो गई.
10 साल की बच्ची को साथ लेकर जंगल गई थी महिला
घटना स्थल से लौटे प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों ने बताया कि तिरिलपोसी गांव की रहने वाली सनिका गागराई अपनी 10 वर्षीय बेटी समेत पांच लोगों के साथ जंगल में लकड़ी चुनने गई थीं. सभी लोग आगे-आगे चल रहे थे और बच्ची खेलते-कूदते पीछे आ रही थी. इसी दौरान जोरदार धमाका हुआ. बच्ची के पैर नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आ गई, जिससे बड़ा धमाका हुआ. विस्फोट से बच्ची के दोनों पैर और शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोटें आईं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. जबकि उसके पास चल रही पालो बोदरा नाम की महिला विस्फोट से घायल हो गई. घायल महिला को देर शाम मनोहरपुर स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. जहां उसका इलाज जारी है.
आरोपियों को पकड़ने की तैयारी में पुलिस
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और मामले की जांच कर बच्ची के शव और घायल को लेकर मनोहरपुर अस्पताल पहुंची. एसपी ने बताया कि यह नक्सलियों की अमानवीय हरकत है, जो निर्दोष ग्रामीणों की जान लेने पर उतारू हैं. पुलिस ने ग्रामीणों को जंगल में सतर्कता बरतने की अपील की है और इस घटना के दोषियों को पकड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया है.
इस घटना के बाद से स्थानीय ग्रामीणों में भय का माहौल है. लोग नक्सलियों की इस हिंसक मानसिकता से बेहद आहत हैं. प्रशासन से मांग की जा रही है कि क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाई जाए और नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. यह घटना एक बार फिर नक्सल प्रभावित इलाकों में आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है.