देश की प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को नए साल में निवेश वसूली में दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो टैरिफ हाइक के बाद कस्टमर्स उनके नेटवर्क को छोड़ रहे हैं और सैटेलाइट प्लेयर्स (सैटकॉम), मुख्य रूप से एलॉन मस्क की Starlink अपने मुख्य डेटा बिजनेस पर नजर गड़ाए हुए हैं।
प्राइवेट कंपनियों ने नेक्स्ट जनरेशन की 5G सेवाओं के कवरेज का विस्तार करने के लिए इस साल टेलीकॉम इन्फ्रॉस्ट्रक्चर और रेडियोवेव एसेट्स में लगभग 70,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो इस क्षेत्र के लिए 2024 की मेन हाईलाइट में से एक है।
टेलीकॉम कंपनियों पर टैरिफ हाइक का उल्टा असर
निवेश की वसूली और मार्जिन की रक्षा के लिए कंपनियों ने साल के बीच टैरिफ हाइक का सहारा लिया, लेकिन यह कदम उल्टा पड़ गया। करीब दो करोड़ कस्टमर्स ने अपने कनेक्शन बंद कर दिए। रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने संयुक्त रूप से 10-26 फीसदी की कीमत वृद्धि के कारण 2.6 करोड़ ग्राहक खो दिए।
सरकारी कंपनी BSNL ने कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की। घाटे में चल रही यह पब्लिक सेक्टर की कंपनी अभी भी पुरानी 3G सर्विस दे रही है और देश भर में 4G नेटवर्क शुरू करने की राह पर है। ग्राहकों की संख्या में कमी के बावजूद प्राइवेट कंपनियों को निवेश की भरपाई करने और भविष्य में ग्रोथ को गति देने के लिए नए युग की सर्विस प्रदान करने के लिए 5जी में अधिक निवेश करने की जरूरत है।
2024 में लगभग 70200 करोड़ रुपये का निवेश
EY इंडिया मार्केट्स और टेलीकॉम सेक्टर के दिग्गज प्रशांत सिंघल के अनुसार, रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया का कुल निवेश 2024 में लगभग 70200 करोड़ रुपये था। डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (DIPA) के डायरेक्टर जनरल मनोज कुमार सिंह का कहना है कि टेलीकॉम इन्फ्रॉस्ट्रक्चर 5जी इकोसिस्टम को सपोर्ट देने के लिए 2022-2027 में 92100 करोड़ रुपये से 1.41 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश की उम्मीद कर रहा है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी टैरिफ हाइक के मुद्दे पर टेलीकॉम कंपनियों का समर्थन किया और नेटवर्क में कंपनियों द्वारा किए गए निवेश का हवाला दिया।
साल 2024 में 5जी सर्विस की शुरुआत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी उभरती टेक्नोलॉजी को अपनाने का रास्ता साफ किया है, जिसमें ग्रोथ की अपार संभावनाएं हैं। इंडस टावर्स और अमेरिकन टावर कॉरपोरेशन की सदस्यता वाले DIPA का कहना है, “5जी की तैनाती एक बड़ा गेम-चेंजर कदम है। हमने 5जी बेस ट्रांसीवर स्टेशनों में अच्छी बढ़ोतरी देखी है, जो दिसंबर, 2023 में 412,214 से बढ़कर नवंबर, 2024 तक 462,854 हो गई है।’