मूलभूत सुविधाओं को तरसता मुंगेली जिले का मुख्य पर्यटन स्थल…

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निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली

सरगांव – मुंगेली जिले में स्थित श्री हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप मदकू जो कि सिर्फ मदकू ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ का एक मुख्य पर्यटन स्थल है, प्रशासनिक उदासीनता के चलते मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है।

राष्ट्रीय चिह्न के साथ लिखा जाने वाला राष्ट्रीय बोध वाक्य सत्यमेव जयते देने वाला माण्डूक्य ऋषि की तपोस्थली श्री हरिहर क्षेत्र केदार मदकू द्वीप जो कि छत्तीसगढ़ का एकमात्र नदी द्वीप है, प्रशासनिक उदासीनता के चलते एक अदद शौचालय को तरस रहा है। ऐसा नहीं है कि द्वीप क्षेत्र में शौचालय नहीं है,शासन द्वारा द्वीप क्षेत्र में तीन शौचालयों का निर्माण किया गया है किन्तु शौचालयों में ताला लगा होने के कारण उसके होने का कोई औचित्य सिद्ध नहीं हो पा रहा है।


मिली जानकारी के अनुसार हरिहर क्षेत्र केदार मदकू द्वीप राजस्व रिकार्ड में छोटे बड़े झाड़ दर्ज होने के कारण द्वीप क्षेत्र वन विभाग के अधीन आता है। पूर्व में शासन के द्वारा विकास कार्य हेतु बजट स्वीकृत किए जाने पर वन विभाग के द्वारा सीसी रोड निर्माण,रेस्ट हाउस रेनोवेशन कार्य,वन चेतना केंद्र में ग्रील लगाने का कार्य और द्वीप क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर तीन युनिट शौचालय का निर्माण किया गया है किन्तु बनने के बाद से आज तक उन शौचालयों में ताला लगा हुआ है।

जिससे द्वीप क्षेत्र में भ्रमण हेतु आने वाले पर्यटक विशेष रूप से महिलाओं को परेशानी झेलनी पड़ती है। पूर्व में पर्यटकों के लिए पेयजल की सुविधा भी नहीं थी । वर्तमान में सोलर टंकी लग जाने से पेयजल की समस्या कुछ हद तक ठीक हुई है।


वहीं असामाजिक तत्वों के कारण पर्यटकों को सुरक्षा संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ता है। अभी ठण्ड की शुरुआत और शीतकालीन छुट्टिओ के चलती पिकनिक और भ्रमण हेतु हरिहर क्षेत्र केदार मदकू द्वीप में अभी पर्यटकों की भी लग रही है किन्तु शौचालय की सुविधा के अभाव में महिला पर्यटको को अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।


श्री हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप सेवा समिति मदकू के अध्यक्ष जीवन लाल कौशिक के द्वारा बताया गया कि द्वीप में तीन शौचालयों का निर्माण वन विभाग द्वारा किया गया है किन्तु निर्माण के बाद से ही शौचालयों पर ताला लगा है जिससे पर्यटकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।

समिति के द्वारा पूर्व में कई बार वन अधिकारियों से इन शौचालयों का लाभ पर्यटकों को मिल सके ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया जा चुका है। स्थानीय स्व- सहायता समूह या व्यक्ति के माध्यम से शौचालयों के संचालन का भी सुझाव समिति के माध्यम से दिया गया है किन्तु वन विभाग के द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

हरिहर क्षेत्र केदार मदकू द्वीप शिवनाथ नदी के मध्य स्थित सिद्ध क्षेत्र है। आठवीं शताब्दी में सनातन को एकात्म भाव से जोड़ने के लिए आदिशंकराचार्य जी ने पंचदेव (गणेश,शिव, विष्णु,सूर्य और शक्ति) पूजन की प्रथा स्थापित किया। एकवेदी पर पांचों देव लिंग (पिंडि) स्वरूप में स्थापित होने पर वह “स्मार्तलिंग” कहलाता है।


मदकूद्वीप में २०११मे उत्खनन से स्मार्तलिंग की द्वादश श्रृंखला के अलावा अष्टभुजी श्री गणेश प्रतिमा, चतुर्भुजी श्री उमा महेश्वर प्रतिमा, गरूड़आरूढ़ श्री लक्ष्मीनारायण की प्रतिमा के अलावा अठारह मंदिरों की श्रृंखला में पांचवें मंदिर में “मां महिषासुर मर्दिनी” की प्रतिमा प्राप्त हुई है।


द्वीप में श्री धूमनाथ श्री जलेश्वर महादेव मंदिर, श्री लक्ष्मीनारायण श्री राधाकृष्ण मंदिर, प्राचीन श्री अष्टभुजी गणेश जी का भव्य दिव्य मंदिर स्थापित है।
ऐसी मान्यता है कि शिवनाथ नदी की तीनों धाराओं के संगम में श्रीराम जी का मंदिर डुबा हुआ है। रामवनगमन के समय भगवान श्री राम मदकू द्वीप में दो बार आए थे।

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Author: Deepak Mittal

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