वन विभाग ने सुशासन के 1 वर्ष पूर्ण होने पर उपलब्धियां गिनाई
सदस्यों ने कहा साय सरकार ने 1 वर्ष के कार्यकाल में हमारा दिल जीत लिया
4 हजार के बदले तेंदूपत्ता 5500 कर देना दर्शाता है हम गरीब़ो की सरकार है
योगेश राजपूत गरियाबान्द – छत्तीसगढ़ सरकार के 1 वर्ष पूर्ण होने पर वन विभाग के द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का गांव-गांव में आयोजन कर सरकार की उपलब्धियां की जानकारी दे रही है। इस माध्यम से बतलाया जा रहा है राज्य सरकार ने अपने गठन के साथ ही आमजनों के खुशहाली और उन्नति के लिए शासन के विभिन्न योजनाओं को सफलतापूर्वक संचालित कर रही है। इसका आमजन अधिक से अधिक फायदा उठाएं। इस कड़ी में आज जिला मुख्यालय गरियाबंद के ऑक्सन हॉल में वन विभाग द्वारा लघु वनोपज संघ के विभिन्न सदस्य, पदाधिकारी अधिकारी व शासकीय अधिकारियों की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार के 1 वर्ष की उपलब्धियां को बतलाया गया ।
जिले के प्रत्येक वन प्रबंधन समिति में वन चौपाल, पौधा वितरण (वृक्षारोपण), वन मितान जागृति एवं वनमंडल स्तर पर संगोष्ठी का आयोजन कर वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आमजनों के दिया गया। वन विभाग अंतर्गत कार्यरत वन प्रबंधन समिति, जैव विविधता प्रबंधन समिति. स्व सहायता समूह एवं अन्य वन हितग्राहियों की उपस्थिति में वन चौपाल कार्यक्रम आयोजित कर सुशासन की एक वर्ष की उपलब्धि की जानकारी दी गई। जिसमें प्रमुख रूप से तेंन्दूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा राशि 4000 से बढ़ाकर 5500 रूपये किया गया। किसान वृक्ष मित्र योजना अंतर्गत कृषकों को 05 एकड़ तक की भूमि पर निःशुल्क 5000 पौधे लगाकर दिया गया।
इस योजनातंर्गत अब तक लगभग 29,077 कृषकों के 43,955.13 एकड़ भूमि में 2,82,35,894 पौधे लगाये गये हैं। वन प्रबंधन समितियों के खाते में उपलब्ध राशि के माध्यम से व्यक्ति विकास, सशक्तिकरण एवं रोजगार मूलक कार्य हेतु राशि दी गई। वन क्षेत्र के हितग्राहियों को पात्रतानुसार वन अधिकार पत्रों का वितरण किया जा रहा है। वन प्रबंधन समिति एवं वन प्रबंधन समिति अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूहों को व्यक्तिगत आय सृजन, रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराने हेतु चक्रीय निधि के माध्यम से 4 प्रतिशत ब्याज दर से ऋण दिया जा रहा है। एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम अंतर्गत प्रत्येक व्यक्त्ति को एक पौधों लगाने हेतु जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वन प्रबंधन समितियों एवं समस्त ग्रामवासियों द्वारा मानव-हाथी द्वंद को रोकने संबंधी सुझाव प्राप्त कर हिंसक वन्यप्राणियों जैसे शेर, तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, भेड़िया, जंगली सुअर, गौर, जंगली हाथी, जंगली कुत्ता, मगरमच्छ, घड़ियाल, वन भैसा एवं सियार के द्वारा क्षति पहुंचाने की दशा में वन विभाग द्वारा दी जा रही क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि बढा कर जनहानि (मृत्यु होने पर) 6 लाख स्थायी रूप से अपंग होने पर 2 लाख मुआवजा राशि, जनघायल होने पर 59,100 रूपये (अधिकतम सीमा तक) मुआवजा राशि।
पशु हानि होने पर 30 हजार तक) मुआवजा राशि दिया जाना है। फसल हानि होने पर 9 हजार प्रति एकड़ मुआवजा राशि दिया जा रहा है। पूर्व दर में बढ़ोत्तरी किया गया। समस्त वन प्रबंधन समिति के सदस्यों की उपस्थिति नर्सरी में उपलब्ध फलदार पौधों का वितरण तथा प्रत्येक ग्रामों के किसानों की बाड़ी में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। शासकीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए एक दिवस का वन मितान जागृति कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष कल्याण सिंह कपिल जिला वन सभापति श्रीमती धनमती बाई, सुखचंद कुमार कुमार संघ के अध्यक्ष श्यामलाल दयाराम नागेश ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहा कि शासन के 1 वर्ष में ही जो उपलब्धियां हम आम जनों को मिल रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान वन विभाग के अनुभागीय अधिकारी मनोज चंद्राकर, राजेंद्र सोरी, उप प्रबंधक अतुल श्रीवास्तव, वन परिक्षेत्र अधिकारियों में गरियाबंद, नवागढ़, धवलपुर, मैनपुर, सड़क परसुली के अधिकारियों सहित लघु वन समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे।