आरंग सोसायटी में 60%किसानों ने धान बेचा

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

आरंग: वृहताकार समिति आरंग में 15 नवंबर से प्रारंभ हुई धान खरीदी में 1576 किसानों में से अब तक 924 किसानों ने धान बिक्री किया है। इस तरह 60% किसान धान बेच चुके है। इनमें से अधिकांश छोटे किसान है। कुल 38470 क्विंटल धान की बिक्री हो गया है।कुल 1576 किसानों से 85000क्विंटल धान खरीदा जाना है लेकिन आज तक 38470 क्विंटल धान ही खरीदा जा चुका है।इस तरह मात्रा के हिसाब से एक माह में 35% धान बिक्री हुआ है।

किसानों की धान बिक्री के बाद धान का उठाव अब तक 4920 क्विंटल ही हुआ है। जो 10% ही है। धान का उठाव न्यूनतम होने के कारण किसानों एवं समिति प्रबंधन के समक्ष स्थानाभाव के कारण धान को रखने की समस्या उत्पन्न हो गया है। समिति में लगभग प्रतिदिन 2000 क्विंटल धान की खरीदी नियमानुसार किया जा रहा है। अब तक बिक्री हुए एक लाख बोरी धान को समिति परिसर में रखा गया है। मौसम प्रतिकूल हुआ तो धान की बोरी को ढकने की समस्या उत्पन्न होगी। एक लाख कट्टा धान के लिए 65 स्टेक बनाया जाना संभव है । 65 स्टेक को सुरक्षित रखने के लिए पॉलिथीन की वृहत मात्रा में उपलब्ध करना भी जरूरी होगा । छोटे किसानों ने अब तक मोबाइल या चॉइस सेंटर के माध्यम से 15 जनवरी तक टोकन की सुविधा प्राप्त कर चुका है। इस तरह छोटे किसानों का लक्ष्य पूरा हो गया है।

धान की परिवहन शीघ्र किए जाने को
लेकर स्थानीय समिति ने जिला विपणन अधिकारी एवं उप पंजीयक सहकारी के अधिकारी को प्रतिदिन पत्र लिखकर अवगत कराया जा रहा है । 5 एकड़ से अधिक रकबा वाले बड़े किसान को टोकन प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में धान बिक्री की अवधि को बढ़ाए जाने की मांग किसानों ने की है। किसानों ने यह भी मांग की है कि टोकन की व्यवस्था ऑफलाइन में कराया जाए जिससे टोकन सरलता के साथ प्राप्त हो सके।बड़े किसानों के समक्ष भी धान रखने की समस्या भी उत्पन्न होगा तथा हेमाल को तौल करने व समिति प्रबंधन को धान की बोरी को रखने की समस्या हो रहा है ।
मुक़बधिर छात्रा की आत्महत्या के मामले में साथी पर दुष्प्रेरणा का आरोप, आरोपी गिरफ्तार

संकलनकर्ता रोशन चंद्राकर आरंग

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *