किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की उधारी सीमा में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है, जो किसानों के लिए एक बड़ा राहत पैकेज हो सकता है। मौजूदा सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर इसे 5 लाख रुपये तक करने की योजना है।
यह बदलाव आगामी बजट में पेश किया जा सकता है, जिसे 1 फरवरी 2025 को लोकसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, किसानों की मदद और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने इस बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाया है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत, किसानों को 9% की ब्याज दर पर अल्पकालिक फसल ऋण मिलता है, जिस पर 2% की छूट सरकार देती है। अगर किसान समय पर कर्ज चुका देते हैं, तो उन्हें 3% अतिरिक्त छूट भी मिलती है। इससे किसानों को 4% की सालाना ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होता है।
कृषि क्षेत्र में बढ़ती लागत को देखते हुए, इस सीमा में इजाफा से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है, साथ ही कृषि उत्पादन को भी बढ़ावा मिल सकता है। इससे बैंकिंग सिस्टम के लिए भी जोखिम कम होगा, क्योंकि किसानों के समय पर ऋण चुकाने की संभावना बढ़ेगी।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत 1998 में हुई थी और अब तक इसके तहत 7.4 करोड़ से अधिक सक्रिय खातों में 8.9 लाख करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। नाबार्ड और अन्य वित्तीय संस्थानों ने इस योजना के तहत विभिन्न क्षेत्रों, जैसे डेयरी और मत्स्यपालन, में भी किसानों को कर्ज देने के प्रयास किए हैं। वहीं पंजाब की बात करें तो एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 25 लाख से ज्यादा किसान कार्ड है।
इस बदलाव के साथ, सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में भी काम कर रही है, ताकि किसानों को फसल नुकसान पर मुआवजा प्राप्त करने की प्रक्रिया में और अधिक राहत मिल सके।