आरंग। विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। विधायक गुरु खुशवंत साहेब के प्रयास से आरंग तहसील मुख्यालय में 02 दिसंबर को सिविल न्यायाधीश (कनिष्ठ श्रेणी) का व्यवहार न्यायालय प्रारंभ हो जाएगा।
उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, छत्तीसगढ़ सिविल न्यायालय अधिनियम, 1958 की धारा 12(1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए इस न्यायालय की स्थापना की गई है। छत्तीसगढ़ शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना क्रमांक 4172/4039/21-ब./2024, दिनांक 21 नवंबर 2024 को जारी की है।
आरंग क्षेत्र में व्यवहार न्यायालय की स्थापना की मांग लंबे समय से लोगों के द्वारा की जा रही थी। तदर्थ तहसील अधिवक्ता संघ आरंग ने भी इस विषय पर निरंतर प्रयास करते हुए अपनी मांग विधायक गुरु खुशवंत के समक्ष रखी। विधायक ने इस मांग को प्राथमिकता देते हुए इसे छत्तीसगढ़ शासन और उच्च न्यायालय के समक्ष मजबूती से प्रस्तुत किया। उनके प्रयासों के फलस्वरूप आज यह ऐतिहासिक निर्णय संभव हो सका है।
व्यवहार न्यायालय की स्थापना से अब क्षेत्र के नागरिकों को न्यायिक मामलों के लिए रायपुर तक नहीं जाना पड़ेगा। स्थानीय स्तर पर ही न्याय मिलने से समय और संसाधनों की बचत होगी।
स्थानीय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रीती शर्मा, संरक्षक गोपाल चंद्राकर, सचिव महेश देवांगन, कोषाध्यक्ष अरविंद गुप्ता ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे आरंग क्षेत्र के लोगों को शीघ्र ही न्याय मिल सकेगा। लोगों का पैसा और समय दोनों की बचत होगी और प्रकरण भी कम होने से सुनवाई भी जल्दी होगी।